दोस्तों कोरोना महामारी के चलते हैं हमारी सरकार ने CBSE 12वीं की एग्जाम को रद्द कर दिया और स्टूडेंट्स को मांस प्रमोशन देने का फैसला किया उनका रिजल्ट उनकी पिछली रिजल्ट के हिसाब से उनका यह रिजल्ट तैयार किया जाएगा इस महामारी के समय में सरकार का यह निर्णय सही है लेकिन जो अच्छे से पूरे साल मेहनत करने वाले बच्चे हैं उनके लिए यह निर्णय भारी साबित हो सकता है क्योंकि कभी-कभी ऐसा भी होता है की 10th 11th का रिजल्ट खराब हो जाता है लेकिन 12वीं में अच्छे से मेहनत करने की वजह से उसका रिजल्ट अच्छा भी हो जाता है तो उन बच्चों के लिए यह निर्णय गलत साबित हो सकता है लेकिन हमारे देश के हालात कुछ ऐसे हैं की पढ़ाई को ध्यान में ना लेते हुए और पढ़ाई को अपना पूरा जीवन ना समझते हुए यह निर्णय केंद्र सरकार बिल्कुल सही लिया है ।
केंद्र सरकार की इस निर्णय के बाद तुरंत ही गुजरात सरकार ने भी निर्णय लिया है की गुजरात बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द कर दी है और उनको मास्टर मोशन लिया जाएगा जैसे ही केंद्र सरकार ने रिजल्ट के रुल बनाए हैं वैसे ही रुल को गुजरात सरकार फॉलो करेगा और रिजल्ट तैयार करेगा।
इन सबके बीच केंद्र सरकार और राज्य सरकार की नजरों से उन विद्यार्थियों को अनदेखा किया जा रहा है जोकि रिपीटर है जो फेल होने के बाद फिर से परीक्षा दे रहे हैं उनके लिए यह रूल यह निर्णय मान्य रहेगा कि नहीं यह हम नहीं जानते लेकिन उनके लिए भी भारत सरकार और राज्य सरकार को सोचना चाहिए उनका भी 1 साल कीमती है अगर सबको पास किया जा रहा है तो उनको भी पास करना चाहिए क्योंकि ऐसा तो है ही नहीं की इस साल की एग्जाम में कोई फेल नहीं होने वाला था शायद इस साल की एग्जाम में भी बहुत सारे बच्चे फेल हो जाते हैं अगर उनको पास किया जा रहा है तो रिपीटर जोकि कुछ विषयों में फेल हुए हैं मेहनत कर रहे पास होने के लिए लेकिन मुझे आशा है की केंद्र सरकार और राज्य सरकार उन विद्यार्थियों को भी इस मास प्रमोशन के अंदर शामिल करेगी और उन्हें भी पास करेगी और वे भी निराश नहीं होंगे ।
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